हे चित्रगुप्त भगवान! करुँ गुणगान, दया प्रभु कीजे, विनती मोरी सुन ...
जनम-जनम से भटक रहे हम, चमक-दमक में अटक रहे हम।
भव सागर में दुःख भोगें, उद्धार हमारा कीजे, विनती मोरी सुन लीजे...
हम याचक, विधि -हरि-हर दाता, भक्ति अटल दो भाग्य-विधाता।
मुक्ति पा सकें कर्म-चक्र से, युक्ति बता प्रभु! दीजे...
सकल सृष्टि के हे अवतारक!, लिपि-लेखनी-मसि आविष्कारक।
हे जनगण-मन के अधिनायक !, सब जग तुम पर रीझे ...
चर - अचरों में वस् तुम्हारा, तुम ही सबका एक सहारा।
शब्द-नाद मय तन-मन कर दो, चरण-शरण प्रभु दीजे...
करो कृपा हे देव! दयालु, लक्ष्मी-शारद-शक्ति कृपालु।
'सलिल' शरण है जनम-जनम से, सफल साधना कीजे...
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जनम-जनम से भटक रहे हम, चमक-दमक में अटक रहे हम।
भव सागर में दुःख भोगें, उद्धार हमारा कीजे, विनती मोरी सुन लीजे...
हम याचक, विधि -हरि-हर दाता, भक्ति अटल दो भाग्य-विधाता।
मुक्ति पा सकें कर्म-चक्र से, युक्ति बता प्रभु! दीजे...
सकल सृष्टि के हे अवतारक!, लिपि-लेखनी-मसि आविष्कारक।
हे जनगण-मन के अधिनायक !, सब जग तुम पर रीझे ...
चर - अचरों में वस् तुम्हारा, तुम ही सबका एक सहारा।
शब्द-नाद मय तन-मन कर दो, चरण-शरण प्रभु दीजे...
करो कृपा हे देव! दयालु, लक्ष्मी-शारद-शक्ति कृपालु।
'सलिल' शरण है जनम-जनम से, सफल साधना कीजे...
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